यीशु के लिए जीवन जीने कि कीमत

यीशु के लिए जीवन जीने कि कीमत

यीशु ने उनसे कहा, लोमड़ियों के भट और आकाश के पक्षियों के बसेरे होते हैं, पर मनुष्य के पुत्र को सिर धरने की भी जगह नहीं। लूका 9ः58*यह वचन अक्सर इस गलत धारण का समर्थन करने के लिए उपयोग हुआ है कि यीशु एवं उसके चेले निर्धनता में रहे। तथापि, इस उदाहरण में जिस कारण से यीशु के पास सर धरने को जगह नहीं थी वह सताव के कारण था। धार्मिक मतभेद के कारण सामरियों ने यीशु एवं उसके चेलों के आतिथ्य से एवं उन्हें रहने के लिए स्थान देने से तब इंकार कर दिया जब वह येरुशलेम की यात्रा कर रहे थे। सताव मसीह के लिए जीवन जीने कि कीमत का एक भाग है। यीशु इस व्यक्ति को यह बता रहे थे कि रहने को जगह ना होना कभी-कभी उस मूल्य का एक भाग है।सताव के कई रुप है। यीशु में आपके विश्वास के कारण आपको जान से मारने की धमकी मिलना एक प्रकार है जैसे आप उत्पीड़ित किए जा सकते हैं, किन्तु यह सर्वाधिक हानिकारक नहीं है।इससे कहीं अधिक घातक ये है जब वह लोग जिनकी हम प्रशंसा करते हैं, जिनसे प्रेम करते हैं अथवा जिनके स्वीकृति को चाहते हैं, वह हमारे लिए बुरा बोलते हैं अथवा हमें उनकी संगति से अलग कर देते हैं। यह अधिक घातक है क्योंकि यह अधिक संवेदी और अधिक व्यक्तिगत है।बहुत से विश्वासी जो सीधे तौर पर कभी परमेश्वर का इंकार नहीं करेंगे वह खुद को बेचारा महसूस करने अथवा कलह में किसी और की आलोचना के कारण गिरेंगे, विशेषकर ऐसा कोई जिसकी ओर वे देखते हैं और उसे प्रभावित करना चाहते हैं। यह उन्हें उतना ही अप्रभावी बनाएगा जैसे जीवन खोने की धमकी मिलने के प्रति एक नकारात्मक प्रक्रिया।यह हमें इस पहचान में मदद करता है कि यह आप नहीं हैं जिनका लोग सताव कर रहे हैं किन्तु आपके अंदर के मसीह का। आप केवल उसके कष्टों में एक भागीदार बन रहे हैं और परिणामस्वरुप उसके जी उठने की सामर्थ्य और पुरस्कार को साझा करेंगे। इस सत्य पर मनन कर के आप वास्तव में आनंद के साथ जयजयकार और नाच सकते हैं जब आप उसकी खातिर नकारे जाते हैं।

यह भाग “हर दिन यीशु के साथ – H329” इस पुस्तक से लिया गया है।

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